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सरकारी नियमों को बदलने और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए नियमों पर विचार

आरंभ करने की तिथि :
Dec 28, 2017
अंतिम तिथि :
Jul 27, 2018
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
प्रस्तुतियाँ समाप्त हो चुके

वर्तमान सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक है लोगों की जिंदगी को ...

वर्तमान सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक है लोगों की जिंदगी को आसान बनाना। इसी दिशा में सुधार करने का प्रयास अब ये सरकार कर रही है। साधारण शब्दों में कहा जाए तो इसका मतलब है कि नागरिक और सरकारी इंटरफेस के बीच दैनिक दिनचर्या के मामले में, जितना संभव हो उतना निर्बाध हो और यथासंभव नागरिकों के अनुकूल बनाना। अन्य बातों के अलावा कई नियमों और विनियमों के सुधार किया है साथ ही कई तरह के ऐसे अनैतिकवाद नियमों को पूरी तरह से दूर करने वाले मामलों में सुधार किया जाए या फिर कई मामलों में स्पष्ट रूप से जो लोक-विरोधी हैं। उन्हें जनादेश , नागरिकों और सरकारों के बीच जीवन जीने की आसानी सुनिश्चित करने के लिए अनैतिक नियमों और प्रक्रियाओं को स्थगित करना।

उदाहरण के लिए, पहले के नियमों पर विचार करें तो परीक्षा से पहले एक दस्तावेज को मान्य करने के लिए राजपत्रित अधिकारियों के सत्यापन की मांग होती थी। वह नियम अब इतिहास है| नागरिकों पर भरोसा का जनादेश था और यही वजह है कि आत्म-प्रमाणन अब नया नियम बन गया है। गैर-राजपत्रित समूह डी, सी और बी सरकारी नौकरियों के अब साक्षात्कार को खत्म कर दिया गया है। कुल मिलाकर एक झटके में 'सिफारिशों' के पूरे उद्योग को बंद कर दिया गया है और केवल योग्यता आदर्श बन गई है।

ऐसे ही पुरानी व बीमार कल्पना वाली नियमों व प्रथाएं, जो लोगों के सामान्य दिन-प्रतिदिन के अनुभव को बाधित करती हैं?उन्हें दिन-प्रति दिन शासकीय मामलों में प्रक्रियाओं और सिस्टम को सरलीकृत किया जा सकता है या उसे दूर किया जा सकता है? ऐसे नियम और कानून जो उपयोगी सामाजिक उद्देश्यों की सेवा नहीं करते बल्कि केवल अनावश्यक लाल टेप और नौकरशाही का निर्माण करते हैं और उनको अब जाने की जरूरत है?

माईगॉव नागरिकों, नागरिक समाज के सदस्यों, पत्रकारों, छात्रों, शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों, सांसदों, अकादमिक विशेषज्ञों, नौकरशाहों, सोशल मीडिया प्रभावकारियों, सोचो टैंकों और अन्य सभी इच्छुक लोगों से इस विषय पर उनके विचारों को जानने के लिए आमंत्रित करता है।

आप या तो नीचे टिप्पणी बॉक्स में लिखकर, या पीडीएफ दस्तावेज़ संलग्न करके या यूट्यूब वीडियो के माध्यम से अपनी राय सबमिट कर सकते हैं।

विचार सबमिट करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी 2018 तक है

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Harshita_58
Harshita_58 6 साल 11 महीने पहले

फ़ाइनल ईयरMBBSके बच्चों को एग्ज़ाम दोबारा देनी पड़ती ही अगर उनको सेपरेट फिफ्टी परसेंट पासिंग नहीं मिला।इसकी वजह से उनके इंटर्नशिप छः महीने एक्सटेंड हो जाती है।MBBS फ़ाइनल ईयर के बाद12 महीने इंटर्नशिप करना कंपल्सरी है।मैं आपसे दरखास्त करती हूँ कि आपMUHS बात करें और उन्हें समझाये की अगर बच्चो को वापिस एग्ज़ाम देनी पड़ रही है फ़ाइनल ईयर मे तो उनसे 6 महीने में ही डबल काम कर लिया जाए जो बारा महीने करवाते हैं मतलब उनकी पोस्टिंग डबल लगवा दी जाए तो वो छः महीने में अपनी इंटर्नशिप ख़त्म कर पाएंगे।

Harshita_58
Harshita_58 6 साल 11 महीने पहले

Some time MBBS student have to give final yr exam one more time if they don’t clear out that separate passing crieteria n because of this there internship is extended by 6months,as there is rule of 1yr internship compulsory,but there 6months r wasted so plz make there 2 shift in each month n make there 2 postings for each month so that they can continue with there colleagues by doing equal work as that of 12 month internship,posting time should be doubled to complete work within6months

MANISH KUMAR SINGH_13
MANISH KUMAR SINGH_13 6 साल 11 महीने पहले

Nowadys, biggest problem our country is facing is due to the high population. Problems of unemployment, pollution, crime, reservation, lack of health-care and illiteracy are some of the problems which can be solved easily if population is under control. There is urgent need to make tough rules for population control, otherwise after 20 years our country will become a hell. This thing gets support by 90% of the present population. I request PM to look into the matter because only he can do this.

Shrikant Barve
Shrikant Barve 6 साल 11 महीने पहले

सरकारने ‘वेळ दान’ हि संकल्पना राबवून सक्षम निवृत्त कर्मचार्‍याच्या वेळेचा उपयोग करून घ्यावा. न्यायालयात प्रदिर्घकाळ चाललेल्या खटल्यावर लगाम घालावा.
निवृत्तीनंतर सक्षम अधिकारी, वकिल, अनेक पेशेवर कर्मचारी, बँन्क अधिकारी, मोटमोठ्या कपंनीतून मोठ्या हुद्यावरून निवृत्त झालेले अधिकारी यांना वेळेचा सदउपयोग करण्याची संधी उपलब्ध करून द्यावी. आठवड्यातून दहा बारा तास म्हणजेच तीन दिवस दोन तीन तासांचे न्यायालय हे अधिकारी न्याय देऊ शकतील. आपल्या वेळेचा समाजाला योग्य उपयोग हे मानधन.

SARADA GHOSH
SARADA GHOSH 6 साल 11 महीने पहले

1)self declaration about the family income before the magistrate court will be the essay access regarding financial help and many other situations rather than the administrative representative.

liladhar prasad singh
Liladhar Prasad Singh 6 साल 11 महीने पहले

In continuation of three posts of 18.5.18 and one of 24.5.18 – My attached request dated 3.8.14 was also disposed on same ground as that of my request dated 29.7.14 as detailed in my second submission dated 18.5.18. My request dated 30.5.18 for appointment to present outcome of my service namely Lower Ganga Basin Water Management Plan has no response on the other hand Mr Pandya heading committee to address issue of flood has requested to add his name in my LinkedIn network. 5/6 contd-

ramji chaubey
ramji chaubey 6 साल 11 महीने पहले

सेवा मे

प्रधानमंत्री सर

नमस्कार सर

मेरा आप से सबीनय

निवेदन है की आप मुझे

सपस्ट रूप से बताए

की मुझे जमीन अर्जित

होने पर जॉब दिया

जाएगा या नहीं केवकी

आप मेरे आवेदन को

रेल्वे के पास भेजते हैं

ओर रेल्वे के डायरेक्टर

सर मेरे मामले को

पेंडिंग मे दिखा रहे हैं

आएस कब तक चलेगा सर

कृपया आप क्लेयर

जबाब दीजिए सर की

मुझे जॉब दिया जाएगा

या नहीं सर

मे फाइल अटैच किया हु

Chetan Jadhav_13
Chetan Jadhav 6 साल 11 महीने पहले

Respected prime minister Sir
I am chetan jadhav from madhy pradesh Nepanagar.Nepanagar is asiya 1st paper mils in production of paper but now a time nepa mils production is stop.so many people are unemployed. There have no facilities in nepanagar. Nepanagar success is your hand Sir. Can our Nepanagar will going to devloping ariya. I know you are a successful pm.of india and laced new government Skeem for r very one just like Skill india, Digitalindia, make in india and many more are the best

omshiv@live.com
om shiv sharma 6 साल 11 महीने पहले

Respected Sir,Income Tax Exemption for Donations/Contributions to Religious Trusts,Temples or Prime Minister"s National Relief Fund etc under section 80(G),should not be allowed as such contributions are made because of a noble cause and one's own sweet will, and thus should not be allowed to be converted into means for personal/commercial GAINS.A person can give/donate less as per his financial capacity,ex by donating RS 100 and getting exemption of RS 30 he can donate Rs 70 instead.

ramji chaubey
ramji chaubey 6 साल 11 महीने पहले

सेवा मे
प्रधानमंत्री सर
कृपया आप रेल्वे के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने का कृपा कीजिए सर जो खुद
नियम बनाया है की जिनका जमीन लिया जाएगा उसे जॉब दिया जाएगा लेकिन खुद उस नियम का पालन नहीं कर रहा है सर मेरे फाइल को dfccil का मामला बताया जाता है सर जबकि मेरा जमीन रेल्वे के ऐक्ट 2008 के तहत अर्जित किया गया है ओर रेल्वे ने 2010 मे नियम बनाया है की जिनका जमीन रेल्वे लेगा उन्हे जॉब दिया जाएगा सर यह बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है सर आप सख्त से सख्त करवाई कीजिए सर ओर जॉब देने का कृपा कीजिए सर

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