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इस्पात मंत्रालय
इस्पात मंत्रालय लौह और इस्पात उद्योग के नियोजन और विकास, आवश्यक आदानों जैसे लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट, मैंगनीज अयस्क, क्रोमाइट, फेरो मिश्र धातु, स्पंज आयरन आदि के विकास और अन्य संबंधित कार्यों के लिए जिम्मेदार है।
मंत्रालय के उद्देश्यों में इस्पात बनाने की क्षमता का निर्माण और इस्पात उत्पादन में वृद्धि को सुविधाजनक बनाना हैं। यह अपने अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा इस्पात उद्योग के लिए कच्चे माल विशेष रूप से लौह अयस्क और कोयले की घरेलू और विदेशी स्रोतों से पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करता है। मंत्रालय का उद्देश्य आर एंड डी, प्रौद्योगिक हस्तक्षेप, गुणवत्ता नियंत्रण, निर्यात प्रोत्साहन और तकनीकी-आर्थिक मानकों में सुधार से लौह और इस्पात उद्योग की कुशलता को बढ़ाना है।
मंत्रालय समझौता ज्ञापन में की गई प्रतिबद्धताओं और आधुनिकीकरण और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विस्तार कार्यक्रम के प्रदर्शन, नई नीति को अंतिम रूप देने की पहल सहित, पर भी नज़र रख रहा है। यह इस्पात उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक व्यापक डेटा बेस नियमित रूप से बनाता और अपडेट करता है, कौशल में कमियों और इन कमियों को दूर करने के बिंदुओं का आंकलन करता है।
अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रालय ने चर्चा, चुनाव, ब्लॉग्स और वार्ता के माध्यम से नागरिक विचार-विमर्श सुविधा वाला यह समूह बनाया है।