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मैला ढ़ोने की प्रथा से मुक्त भारत
यह समूह अस्वास्थ्यकर शौचालयों के तेजी से नष्ट / परिवर्तित किये जाने एवं मैला ढोने वालों के प्रभावी पुनर्वास कार्य के माध्यम से मैला ढ़ोने की प्रथा को समाप्त करने हेतु आपके विचार एवं सुझाव चाहता है। मैला ढ़ोने की प्रथा के जारी रहने से चिंतित संसद ने सितंबर 2013 में “हाथ से मैला ढोने रुपी रोजगार पर रोक एवं मैला ढोने वालों के पुनर्वास अधिनियम, 2013” (एमएस अधिनियम, 2013) पारित किया। यह अधिनियम जम्मू और कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में 6 दिसंबर 2013 से लागू किया गया। आप इस अधिनियम के बारे में जानकारी इस लिंक [https://www.nskfdc.nic.in/writereaddata/files/manualsca-act19913.pdf]] पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं। सरकार इस कानून के तहत यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस संबंध में व्यापक स्तर पर निर्धारित कार्रवाई की जाए ताकि जितनी जल्दी हो सके इस हानिकारक प्रथा को समाप्त किया जाए। अतः इस कार्य के लिए सिविल सोसाइटी सहित सभी हितधारकों के सहयोग एवं समर्थन की आवश्यकता है। इस समूह में कार्य एवं चर्चाएँ होंगी। कार्य ऑनलाइन किये जाएंगे। प्रतिभागी चर्चा के माध्यम से प्रासंगिक मुद्दों पर अपनी राय एवं विचार साझा कर सकेंगे।