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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के विलय के बाद 15.10.1999 को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय एक स्वतंत्र मंत्रालय के रूप में अस्तित्व में आया। इस मंत्रालय के दो विंग हैं, जिनमे पहला सांख्यिकी से संबंधित है और दूसरा कार्यक्रम कार्यान्वयन से संबंधित है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) नामक सांख्यिकी विंग में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ), कंप्यूटर केंद्र और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) शामिल हैं। कार्यक्रम कार्यान्वयन विंग के तीन प्रभाग हैं, (i) बीस सूत्रीय कार्यक्रम (ii) इंफ्रास्ट्रक्चर मॉनिटरिंग और परियोजना मॉनिटरिंग और (iii) संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना। इन दो विंगों के अलावा, भारत सरकार के एक प्रस्ताव (MOSPI) के माध्यम से बनाया गया राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग और एक स्वायत्त संस्थान, अर्थात भारतीय सांख्यिकी संस्थान, जिसे संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय देश में जारी आंकड़ों और गुणवत्ता पहलुओं को बेहद महत्व देता है। यह जारी किए गए आंकड़े प्रशासनिक स्रोतों, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों और जनगणनाओं एवं गैर-सरकारी स्रोतों और अध्ययनों पर आधारित होते हैं।
मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वेक्षण वैज्ञानिक सैंपलिंग पद्धति पर आधारित होते हैं। यह डेटा ज़मीनी स्तर पर मौजूद समर्पित फील्ड स्टाफ के माध्यम से एकत्र किया जाता है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों की गुणवत्ता पर विशेष जोर देने के लिए राष्ट्रीय खातों के संकलन से संबंधित मुद्दों पर राष्ट्रीय लेखा सलाहकार समिति, औद्योगिक सांख्यिकी पर स्थायी समिति, मूल्य सूचकांक पर तकनीकी सलाहकार समिति जैसी निगरानी समितियां शामिल हैं। मंत्रालय, मानक सांख्यिकीय तकनीकों को लागू करने एवं व्यापक जांच और पर्यवेक्षण के बाद वर्तमान डेटा के आधार पर डेटा सेट संकलित करता है।